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PM-PRANAM Scheme,2023

PM-PRANAM SCHEME, 2023

The government of India’s budget for FY 2023-24 has announced a scheme dedicated to restoring the natural characteristics of the motherland Earth. PM-PRANAM Scheme, i.e.  PM Programme for Restoration, Awareness, Nourishment, and Amelioration of Mother Earth, has been launched for sustainable agriculture.

Moreover, India being a responsible nation and respecting international rule and institutions, is a signatory of various international conventions along with many other nations to save the earth from climate change, promote sustainable agriculture and biodiversity conservations, etc.
Hence, various programs, schemes, and policy decisions are taken by Govt of India to implement the provision of these conventions.

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार के बजट में मातृभूमि पृथ्वी की प्राकृतिक विशेषताओं को बहाल करने के लिए समर्पित एक योजना की घोषणा की गई है। सतत कृषि के लिए पीएम-प्रणाम योजना शुरू की गई है। यानी धरती माता की पुनर्स्थापना, जागरूकता, पोषण और सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम,

इसके अलावा, भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है और अंतरराष्ट्रीय नियमों और संस्थानों का सम्मान करता है, पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन से बचाने, टिकाऊ कृषि और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने आदि के लिए कई अन्य देशों के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का हस्ताक्षरकर्ता है।
इसलिए, इन सम्मेलनों के प्रावधानों को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम, योजनाएं और नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं।

PM-PRANAM SCHEME, 2023 Brief.

PM-PRANAM scheme announced by CCEA:

The said program/ Scheme was approved by the Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA). The program’s objective is the Restoration, Generation, Awareness, Nourishment, and Amelioration of Mother Earth. The program is abbreviated with a fancy and attractive word: “PM-PRANAM”. Under this program, the utilization of chemical fertilizers would be discouraged.

उक्त कार्यक्रम/योजना को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) द्वारा अनुमोदित किया गया था। कार्यक्रम का उद्देश्य धरती माता की पुनर्स्थापना, सृजन, जागरूकता, पोषण और सुधार है। कार्यक्रम को एक फैंसी और आकर्षक शब्द के साथ संक्षिप्त किया गया है: “पीएम-प्रणाम”। इस कार्यक्रम के तहत रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को हतोत्साहित किया जाएगा।

Features of the PM-PRANAM Scheme:

  • Department of Fertilizers, Ministry of Chemicals & Fertilizers will implement the scheme.
  • At village, block, and district levels, assets related to the technical adoption of alternative fertilizers and alternative fertilizer production units can be created with about 70% of the total grant given under the scheme.
  • It would have a total outlay of INR 3,70,128.7 Crore.
  • Under the program/ scheme, i.e. PM-PRANAM scheme, usage of chemical fertilizers is to be reduced by providing some incentive to the state.
  • The state and union territories implementing the scheme have to adopt alternative fertilizers proportionately to chemical fertilizers. The states or union territories will be incentivized with the subsidy that is saved by reducing the use of chemical fertilizers.
  • The government will evaluate the utilization of fertilizers in terms of increase or decrease in overall consumption in a year vis-a-vis consumption over the past three years.
  • रसायन और उर्वरक मंत्रालय का उर्वरक विभाग इस योजना को लागू करेगा।
  • गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर, योजना के तहत दिए गए कुल अनुदान के लगभग 70% के साथ वैकल्पिक उर्वरकों और वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों की तकनीकी अपनाने से संबंधित संपत्तियां बनाई जा सकती हैं।
  • और इसका कुल परिव्यय 3,70,128.7 करोड़ रुपये होगा।
  • कार्यक्रम/योजना, यानी पीएम-प्रणाम योजना के तहत, राज्य को कुछ प्रोत्साहन प्रदान करके रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम किया जाना है।
  • योजना को लागू करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को रासायनिक उर्वरकों के अनुपात में वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाना होगा। रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने से जो सब्सिडी बचेगी, उससे राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • सरकार पिछले तीन वर्षों की खपत की तुलना में एक वर्ष में कुल खपत में वृद्धि या कमी के संदर्भ में उर्वरकों के उपयोग का मूल्यांकन करेगी।

The objective of the PM-PRANAM Scheme:

  • Aimed at saving the soil and promoting sustainable, balanced use of fertilizers.
  • The scheme would promote the use of nutrient-based biofertilizers for sustainable agriculture and increase the agricultural productivity
  • Aimed at reducing the subsidy on chemical fertilizers, Which is the Second highest after food subsidies. At present total expenditure on chemical fertilizer is around (2.25 lakhs crore).
  • इसका उद्देश्य मिट्टी को बचाना और उर्वरकों के टिकाऊ, संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना है
  • यह योजना सतत कृषि के लिए पोषक तत्व-आधारित जैव उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देगी
  • इसका उद्देश्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी को कम करना है, जो खाद्य सब्सिडी के बाद दूसरी सबसे अधिक है। फिलहाल रासायनिक खाद पर कुल खर्च करीब (2.25 लाख करोड़) है.
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